फ्लोरीन
फ्लोरीन एक रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी (periodic table) के सप्तसमूह का प्रथम तत्व है, जिसमें सर्वाधिक अधातु गुण वर्तमान हैं। इसका एक स्थिर समस्थानिक (भारसंख्या 19) प्राप्त है और तीन रेडियोधर्मिता समस्थानिक (भारसंख्या 17,18 और 20) कृत्रिम साधनों से बनाए गए हैं। इस तत्व को 1886 ई. में मॉयसाँ ने पृथक् किया। अत्यंत क्रियाशील तत्व होने के कारण इसको मुक्त अवस्था में बनाना अत्यंत कठिन कार्य था। मॉयसाँ ने विशुद्ध हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा दहातु तरस्विनिक के मिश्रण के वैद्युत् अपघटन द्वारा यह तत्व प्राप्त किया था।तरस्विनी मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता। इसके यौगिक चूर्णातु तरस्विनिक (फ्लुओराइड), (चूर.त2) (CaF2) और क्रायोलाइड, (क्षा3स्फ.त6) (Na3AlF6) अनेक स्थानों पर मिलते हैं।
तरस्विनी का निर्माण मॉयसाँ विधि द्वारा किया जाता है। महातु घनातु मिश्रधातु का बना यू (U) के आकार का विद्युत् अपघटनी कोशिका लिया जाता है, जिसके विद्युदग्र भी इसी मिश्रधातु के बने रहते हैं। हाइड्रोफ्लोरिक अम्ल में दहातु तरस्विनिक (फ्लुओराइड) विलयित कर - 23° सें. पर सेल में अपघटन करने से धनाग्र पर तरस्विनी मुक्त होगी। मुक्त तरस्विनी को विशुद्ध करने के हेतु प्लैटिनम के ठंडे बरतन तथा क्षारातु तरस्विनिक (फ्लुओराइड) की नलिकाओं द्वारा प्रवाहित किया जाता है। विकिपीडिया द्वारा प्रदान किया गया
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312प्रकाशित 2000अन्य लेखक: “…Braeunlich, Jürgen F.…”
बोधानक: S 4401पुस्तक -
313प्रकाशित 1978अन्य लेखक: “…Schauer, F.…”
बोधानक: S 4737पुस्तक -
314प्रकाशित 1978अन्य लेखक: “…Schauer, F.…”
बोधानक: S 4736पुस्तक -
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317बोधानक: C 46लेख
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